कार्बन (Carbon) – (From Latin:- carbo “coal”)
“कार्बन Atom के प्रकृति में कई यौगिक पाए जाते है यानि कार्बन में अन्य तत्वों के साथ जुड़ने का गुण होता है।”
Carbon Atom Introduction -:
प्रतीक | C |
Block | P-ब्लॉक |
समूह | 14 |
आवर्त | 2 |
तत्व | अधातु |
संयोजकता | 4 |
परमाणु क्रमांक | 6 |
परमाणु भार | 12.011 Amu |
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास | 1s2 2s2 2p2 |
Carbon Atom Key Point -:
परमाणु क्रमांक (Atomic Number) को ही प्रोटोन कहा जाता है।
प्रोटोन = परमाणु क्रमांक (6)
न्यूट्रॉन = परमाणु भार – परमाणु क्रमांक (घटाने पर प्राप्त)
परमाणु भार = प्रोटोन + न्यूट्रॉन
कार्बन की संरचना (Structure Of Carbon Atom ) -:
कार्बन अधात्विक तत्व है , जो आवर्त सारणी में समूह -14 तथा आवर्त-2 में रखा गया है । कार्बन का परमाणु क्रमांक 6 होता है। कार्बन के सबसे अधिक यौगिक पाए जाते है अर्थात कार्बन के पास अन्य परमाणुओं के साथ जुड़कर यौगिक बनाने की क्षमता होता है।
कार्बन के अपररूप /Allotropes Of carbon Atom -:
कार्बन परमाणु के कई भौतिक गुण होते है जिसकी वजह से यह अनेक रूपो में पाया जाता है । इन अलग-अलग रूपो को कार्बन के अपररूप कहा जाता है।
जैसे-: 1. हीरा (Diamond)
2. ग्रेफाइट (Graphite)
3. फुलरीन (Fullerene)
1. हीरा (Diamond) -: हीरे में कार्बन का प्रत्येक परमाणु कार्बन के अन्य 4 परमाणुओं के साथ जुड़ा हुआ होता है जिससे जो संरचना बनती है वो दृढ़ होती है। हीरे की संरचना त्रिआयामी होती है, इसी कारण हीरा अत्यंत कठोर होता है। हीरा अब तक ज्ञात पदार्थो में सबसे कठोरतम है। हीरा विद्युत का कुचालक होता है।
हीरे का उपयोग -:
● चट्टानों की drilling में
● कांच काटने में
(2). ग्रेफाइट (Graphite) -: ग्रेफाइट तथा हीरे की जो आण्विक संरचना होती है वह एक – दूसरे से अलग होती है जिसके कारण इन दोनों के गुण भी अलग – अलग होते है ग्रेफाइट में Carbon के प्रत्येक परमाणुओं का जो बन्धन होता है वह कार्बन के 3 अन्य परमाणुओं के साथ होता है तथा एक ही तल पर होता है जिससे की ग्रेफाइट की जो संरचना बनती है वह षट्कोणीय होती है । ग्रेफाइट का गलनांक उच्च होता है।
ग्रेफाइट का उपयोग –
1. ग्रेफाइट में षट्कोणीय परतो के बीच कमजोर वॉन्डरवॉल्स बल लगते है जिसके कारण ये परते एक-दूसरे के ऊपर फिसलती रहती है , ग्रेफाइट के इसी गुण के कारण इसका उपयोग स्नेहकों की तरह किया जाता है ।
2. ग्रेफाइट विद्युत का सुचालक होता है ,इसका उपयोग शुष्क सेल में इलेक्ट्रोड बनाने में किया जाता है।
3. यह मुलायम होता है इसलिए पेंसिल लेड बनाने में इसका उपयोग किया जाता है।
(3).फुलरीन (Fullerene) -: यह कार्बन अपररूप की एक family यानि कि एक वर्ग है जिसमे C32, C50, C60, C70, C84 अणु भार वाले कार्बन अपररूप मिलते है । C60 की संरचना अधिक स्थायी होती है जिसे बकमिंस्टर फुलरीन कहते है।
कार्बन के गुण /Properties of Carbon Atom -:
1. श्रंखलन का गुण (Catenation) – कार्बन में कार्बन के अन्य परमाणुओं के साथ BOND बनाने की क्षमता होती है इसी गन को श्रंखलन कहा जाता है कार्बन परमाणु शाखाओ तथा वलय यानि ring के रूप में व्यवस्थित हो सकते है। कार्बन परमाणु एक-दूसरे से एकल बन्ध, द्वि-बन्ध अथवा त्रि-बन्ध के द्वारा जुड़े हो सकते हैं।
2. कार्बन के अपररूप ग्रेफाइट का उपयोग पेंसिल की लेड बनाने में किया जाता है।
3. छोटा आकार होने की वजह से कार्बन द्वारा बनाये गए बन्ध प्रबल होते है।
Chemistry Vocab -:
● इलेक्ट्रॉनिक विन्यास -: Electron configuration
● परमाणु क्रमांक -: Atomic Number
● परमाणु भार -: Atomic Mass
● प्रोटोन -: Proton
● न्यूट्रॉन -: Neutron
● समूह – Group
● आवर्त -: Period
● प्रतीक -: Symbol
● अधातु -: Non-Metal
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