Hormones –
◆ ऐसे रासायनिक पदार्थ जो कोशिकाओं व अंगो के कार्यो को नियंत्रित करने के लिए शरीर की अन्तः स्रावी ग्रन्थियों द्वारा मुक्त (Release) किये जाते हैं।
◆ अन्तः स्रावी ग्रन्थियां नलिका विहीन (Ductless) होती है,जो सीधे Blood में अपना स्राव (Hormones) छोड़ती हैं ,तथा Blood के माध्यम से होर्मोन सम्बंधित अंग तक पहुंचकर अपना कार्य करते हैं।
◆ Also Called -: “Chemical messenger”
अर्थात इन्हें रासायनिक सन्देशवाहक भी कहा जाता है।
Hormones/हॉर्मोन्स 2 तरह के होते है -:
(1).पेप्टाइड हॉर्मोन्स
(2).स्टेरॉइड हॉर्मोन्स
(1). peptide Hormones -:
● अमीनो एसिड के बने होते हैं।
● पानी में घुलनशील (Water- Soluble) होते हैं।
● Target cell की कोशिका झिल्ली को पार करने में Unable
● इनके Receptors (ग्राही) कोशिका की सतह (Surface ) पर होते हैं।
EX. – इंसुलिन
(2). Steroid Hormones -:
● सभी स्टेरॉइड हॉर्मोन्स cholesterol से उत्पन्न होते हैं।
● वसा में घुलनशील होते हैं
● target Cell की कोशिका झिल्ली को पार करने में Able
● इनके Receptors (ग्राही) Cytoplasm या केन्द्रक में होते हैं।
EX. – Sex Hormone
Function Of Hormones/हॉर्मोन्स के कार्य
- ये उपापचयी क्रियाओं का नियंत्रण करते हैं जैसे – थायरोक्सिन होर्मोन
- जीवों की व्रद्धि व विकास में सहायक जैसे – वृद्धि होर्मोन
- रक्त चाप का नियंत्रण , ह्रदय स्पंदन दर का नियमन
- ताप का नियमन
- शरीर में Sugar level का नियमन
- Sex Hormon Egg , Sperm का विकास (Developmemt)
Important Points -
◆ Target Cell – वह कोशिका जहां होर्मोन अपना कार्य करते है।
◆ Receptores (ग्राही) – Target कोशिका के केन्द्रक में, कोशिका द्रव्य में या फिर कोशिका झिल्ली में ये ग्राही होते हैं जिनसे होर्मोन जुड़ जाते हैं।
■ Biology Terms -:
◆ Cytoplasm – कोशिका द्रव्य
◆ Nucleus – केन्द्रक
◆ plasma Membrane – कोशिका झिल्ली
◆ Receptores – ग्राही
◆ Target Cell – लक्ष्य कोशिका
Sex Hormones - Role In Reproductive Functions
जनन में होर्मोन की भूमिका
जनन अंग (Gonads) –
● जनन अंग उन अंगो को कहा जाता है जो प्रजनन की प्रक्रिया में प्रत्यक्ष रूप से भाग लेते हैं।
● नर में वृषण व मादा में अंडाशय जनन अंग है।
● जनन अंगो का प्रमुख कार्य युग्मक निर्माण(Gamete Formation) होता है लेकिन ये लिंग होर्मोन (Sex Hormone) का भी स्राव करते हैं।
● लिंग हॉर्मोन सहायक लैंगिक अंगो की वृद्धि , विकास, द्वितीयक लैंगिक लक्षणों के विकास में सहायक होते हैं।
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जनन होर्मोन
(Sex Hormones) -:
● जनन होर्मोन लैंगिक विकास व प्रजनन (Reproduction) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।
● जनन हॉर्मोन्स शरीर में उपस्थित ग्रन्थियों द्वारा स्रावित किये जाते हैं।
● लैंगिक लक्षणों के विकास में सहायक होते हैं।
Female Sex Hormones/ मादा जनन होर्मोन -:
● मादा में जनन होर्मोन अंडाशय (Ovaries) द्वारा स्रावित किए जाते हैं।
● मादा में अंडाशय (Ovary) प्राथमिक लैंगिक अंग है,जो अन्तः स्रावी ग्रन्थि के रूप में भी कार्य करता है।
● मुख्य मादा जनन होर्मोन – प्रोजेस्टेरोन , एस्ट्रोजन
1. प्रोजेस्टेरोन (Progesterone) -:
● कार्पस ल्युटिम द्वारा इसका स्राव होता है।
●यह होर्मोन अंडाशय व प्लेसेंटा द्वारा स्रावित किया जाता है।
● अण्डोत्सर्ग (Ovulation) व गर्भावस्था के दौरान इसका स्तर अधिक होता है।
● यह होर्मोन शरीर को गर्भ अवस्था के लिए तैयार करता है।
● गर्भाशय की एंडोमेट्रियम परत को बनाए रखता है, जिससे गर्भ अवस्था बनी रहती है।
● प्रोजेस्टेरोन का कम स्राव शरीर मे मासिक चक्र को अनियमति कर देता है तथा गर्भ अवस्था के दौरान भी कठिनाई आती है (Complications During Pregnancy)
2. एस्ट्रोजन (Estrogen) -:
● यह होर्मोन अंडाशय द्वारा स्रावित किया जाता है।
● यह यौवनारम्भ (Puberty) के दौरान लैंगिक विकास के लिए ज़िम्मेदार होर्मोन है।
● द्वितीयक लैंगिक लक्षणों का विकास के लिए ज़िम्मेदार।
Male Sex Hormone/नर जनन होर्मोन -:
● नरों में वृषण प्राथमिक लैंगिक अंग होते है , तथा अन्तः स्रावी ग्रन्थि के रूप में भी कार्य करते हैं।
● वृषण कोश में एक जोड़ी वृषण स्थित होते हैं।
● नर जनन होर्मोन वृषण द्वारा स्रावित किया जाता है।
● नर होर्मोन वृषण की अन्तराली कोशिकाओं (Leydig cells) द्वारा स्रावित होते हैं।
● नर जनन होर्मोन – टेस्टोस्टेरोन
1. टेस्टोस्टेरोन (Testosterone) -:
● वृषण (Testes) द्वारा स्रावित ।
● नर जनन अंगो के विकास में सहायक ।
● यौवनारम्भ के दौरान द्वितीयक लैंगिक लक्षणों के विकास में सहायक ।
जनन होर्मोन के कार्य
(Functions Of Sex Hormones) -:
● लैंगिक लक्षणों (Sexual Characteristics) के विकास में सहायक।
● किशोरावस्था के दौरान नर वृषण व मादा अंडाशय परिपक्व हो जाते हैं , तथा ये परिपक्व जनन अंग (Gonads/ Sex organs) होर्मोन का स्राव करना शुरू कर देते हैं।
● ये जनन होर्मोन यौवनारम्भ के समय द्वितीयक लैंगिक लक्षणों का नर व मादा में विकास करते हैं।
● नरों (Males) में -: दाढ़ी -मूछ आना , Chest पर बाल आना, जनन अंगो पर Hair growth ।
● मादा में (Females) -: स्तन ग्रन्थियों का विकास (Mammary Glands), मासिक चक्र का प्रारंभ (Menstrual Cycle)
● प्रजनन (Reproduction) में सहायक।
IMPORTANT POINTS
1. कार्पस ल्युटिम – अण्डोत्सर्ग के बाद ग्राफीयन फॉलिकल की कोशिकाओं से इस संरचना का निर्माण होता है। ● इससे स्रावित हार्मोन – प्रोजेस्टेरोन , एस्ट्रोजन , रिलैक्सिन
2. अण्डोत्सर्ग (Ovulation) – ग्राफी पुटक ( ग्राफीयन फॉलिकल) से द्वितीयक अंडाणु का मुक्त होना ही अण्डोत्सर्ग कहलाता है।
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