Infectious Diseases/संक्रामक रोग – ऐसे रोग होते हैं जो वायरस, बैक्टीरिया , कवक , परजीवी जैसे रोगकारक द्वारा होते है। कुछ रोग ऐसे होते है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में स्थानान्तरित नहीं होते जबकि कुछ रोग मनुष्यों , जानवरों व कीटों द्वारा व अन्य माध्यमों द्वारा स्थानांतरित हो जाते हैं।
- जो रोग एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में स्थानांतरित हो जाते हैं उन्हें संक्रामक रोग कहा जाता है।
- ये रोग हवा, पानी , कीट व संक्रमित मनुष्य के सीधे सम्पर्क में आने से फैल सकते हैं।
संक्रामक रोग/ infectious diseases सूक्ष्मजीवों के कारण होने वाले रोग हैं – जैसे कि BACTERIA, VIRUS, FUNGI या PARASITE । कुछ संक्रामक रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में Transfer होते है कुछ कीड़े या अन्य जानवरों द्वारा प्रसारित होते हैं।जीव के संक्रमण के आधार पर लक्षण भिन्न होते हैं, लेकिन अक्सर बुखार और थकान सामान्य लक्षण होते है।
Types of Infectious Diseases/संक्रमण के प्रकार –
- वायरल संक्रमण ( Viral infection)
- फंगल संक्रमण (Fungal – Infection)
- जीवाणु संक्रमण (Bacterial – infection)
1. Viral infection/वायरल संक्रमण
Virus के कारण जो संक्रमण फैलता है , उसे Viral infection कहा जाता है। उदाहरण -:
- रेबीज़
- खसरा
- पोलियो
- हेपेटाइटिस
- AIDS
2. Fungal Infection/फंगल संक्रमण
कवकों द्वारा जो संक्रमण फैलता है, उसे Fungal Infection कहा जाता है। उदाहरण -:
- दाद
- खुजली
- रिंगवर्म
- गंजापन
3. Bacterial – infection/जीवाणु संक्रमण
जीवाणु के कारण जो संक्रमण फैलता है, उसे Bacterial – infection कहा जाता है। उदाहरण :
- हैज़ा
- टायफाइड
- डिप्थीरिया
- T.B (Tuberculosis)
How are Infectious Diseases Transmitted?
/संक्रमण के फैलने के कारण -:
1. जब कोई संक्रमित व्यक्ति खाँसता या छींकता है तब तरल की बूंदें जिनमें रोगजनक उपस्थित होतें है, हवा के माध्यम से आस – पास उपस्थित स्वस्थ मनुष्य को संक्रमित कर सकती हैं।
2. संक्रमित व्यक्ति द्वारा Touch की गई किसी वस्तु को अन्य कोई व्यक्ति हाथ लगा ले तो उससे भी संक्रमण फैल सकता है।
3. संक्रमित इंजेक्शन के माध्यम से।
4. जब किसी व्यक्ति को संक्रमित रक्त चढ़ा दिया जाए ।
5. किसी संक्रमित व्यक्ति को छूने से , या उसके द्वारा उपयोग की गई वस्तुओं जैसे – Razor के उपयोग से ।
6. यदि कोई व्यक्ति संक्रमित है तथा स्वस्थ व्यक्ति, उसके द्वारा उपयोग लिए लगे तरल पदार्थ जैसे Cold drink या पानी की बोतल का उपयोग कर ले क्योंकि लार के माध्यम से रोगजनक शरीर में प्रवेश कर जाते हैं तथा रोग उत्पन्न कर देते हैं।
Preventing Infectious Diseases/बचाव के उपाय -:
1. संक्रमण होने की स्थिति में एंटीबायोटिक का इस्तेमाल करें।
2. अपने आस – पास स्वच्छता का ध्यान रखें।
3. टीकाकरण (Vaccination) रोग से बचाव का एक प्रभावी तरीका है।
4. रोग हो जाने की स्थिति में डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
5. अपने हाथों को दिन में कई बार धोयें ।
6. कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव करें , मक्खी , मच्छरों द्वारा कई रोग फैलते है।
7. घर के अंदर व बाहर साफ सफ़ाई का पूरा ध्यान रखें।
8. कचरे को इधर – उधर ना फेकें , नियमित स्थान पर डाले।
9. स्वयं के काम आने वाली वस्तुओं को दूसरों के साथ share ना करें जैसे – Razor , Comb आदि 👉 इस तरह कई छोटी – छोटी बातों का ध्यान रखकर रोगों से बचा जा सकता है।
कुछ सामान्य संक्रामक रोग (Common Infectious Diseases) -:
- जुकाम , इन्फ्लूएंजा , एड्स , डेंगू fever -: वायरस से
- टाइफाइड ,कॉलेरा – जीवाणु से
- सोने की बीमारी – प्रोटोज़ोआ से
- काला -अज़ार – प्रोटोज़ोआ से
T.B (Tuberculosis)
◆ रोगकारक – माइकोबेक्टेरियम ट्यूबरकुलोसिस (जीवाणु)
◆ प्रभावित अंग – मुख्य रूप से फेफड़े
◆ लक्षण – Cough , वजन में कमी आना , रात में पसीने आना , बुख़ार, सांस लेने में तकलीफ , लिम्फ नोड का सूज जाना ।
◆ अन्य नाम – तपेदिक/ क्षय रोग
◆ यह रोग संक्रमित व्यक्ति के खांसने व छींकने से व हवा के द्वारा फैलता है।
डिप्थीरिया (Dyptheria)
◆ रोगकारक – कोरीनेबेक्टेरियम डिफ्थीरी (जीवाणु)
◆ प्रभावित अंग – नाक व गला (Throat)
◆ लक्षण -: सांस लेने में तकलीफ , गले में सूजन
◆ अन्य नाम – Bull Neck
◆ यह रोगी व्यक्ति के संपर्क में आने से अथवा हवा में माध्यम से फैलता है।
हैजा (Cholera) –
◆ रोगकारक – विब्रियो कॉलेरी (जीवाणु)
◆ प्रभावित अंग – छोटी आंत प्रभावित
◆ लक्षण – डायरिया, उल्टी, मांसपेशियों में ऐंठन (Cramps), डीहाईड्रेशन (पानी की कमी)
◆ अन्य नाम – Blue Death (तरल की कमी के कारण शरीर नीला पड़ने लगता है)
◆ दूषित पानी व भोजन के माध्यम से फैलता है।
टाइफाइड (Thyphoid)
◆ रोगकारक – साल्मोनेला टायफी (जीवाणु)
◆ प्रभावित अंग – आंत
◆ लक्षण -: कमजोरी, पेट दर्द, कब्ज, सिरदर्द, छाती पर लाल रंग के धब्बे ( Rose Spot on Lower Chest)
◆ अन्य नाम -: आंतों का बुखार (Enteric Fever)
◆ संदूषित भोजन व पानी के माध्यम से फैलता है।
खसरा (Measles) –
◆ रोगकारक – मिजल्स वायरस (Measles virus)
◆ प्रभावित अंग – Nose , windpipe (श्वाशनली) and फेफड़े, लसिका तंत्र
◆ लक्षण -: बुखार, cough, नाक बहना, आंखों में सूजन ,त्वचा पर चकत्ते (Skin Rash) , koplik’s Spot (Small White Spot inside the Mouth)
◆ अन्य नाम – Rubeola , Morbilli
◆ हवा के द्वारा खांसने व छींकने से उत्पन्न बूंदो से यह रोग फैलता है।
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