समय के सापेक्ष जब किसी वस्तु की स्थिति में परिवर्तन होता है तो इसे गति/motion कहते हैं तथा ऐसी वस्तु को हम गतिशील वस्तु कहतें है।
एकसमान गति – जब कोई गतिशील वस्तु निश्चित समय अंतराल में समान दूरी तय करती है तो उस गति को एकसमान गति कहते हैं.
जैसे :- यदि कोई गतिशील वस्तु 1 मिनट में 2 किलोमीटर, 2 मिनट में 4 किलोमीटर तो यह एकसमान गति है
असमान गति – जब कोई गतिशील वस्तु निश्चित समय अंतराल में असमान दूरी तय करती है तो उस गति को असमान गति कहते हैं.
जैसे :- यदि कोई गतिशील वस्तु 1 मिनट में 2 किलोमीटर, 2 मिनट में 5 किलोमीटर तो यह असमान गति है .
दूरी (Distance)
किसी गतिशील वस्तु द्वारा एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक तय की गई कुल लंबाई को दूरी कहते हैं.
विस्थापन (Displacement)
किसी गतिशील वस्तु या वयक्ति की प्रारंभिक तथा अंतिम स्थितियों के बीच की न्यूनतम दूरी को विस्थापन कहते हैं.
यह धनात्मक, ॠणात्मक व शून्य भी हो सकता है
चाल (Speed)
एकांक समय में किसी गतिशील वस्तु द्वारा तय की गई दूरी को चाल कहते हैं
चाल को “V” द्वारा प्रदर्शित किया जाता है
चाल = दूरी/ समय
नोट – गतिशील वस्तु की चाल धनात्मक व शून्य हो सकती है परन्तु कभी ॠणात्मक नहीं हो सकती.
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चाल के प्रकार –
1) औसत चाल
किसी गतिशील वस्तु द्वारा तय की गई दूरी एवं इसमें लगे कुल समय के अनुपात को औसत चाल कहते हैं.
औसत चाल = कुल दूरी/ कुल समय
= s2 -s1/ t2- t1
नोट – यदि एक वस्तु समान दूरी अलग- अलग चाल (v1, v2) के साथ तय करती है तो,
औसत चाल = 2 v1*v2/v1+v2
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2) तात्क्षणिक चाल
किसी क्षण पर गतिशील वस्तु की चाल को तात्क्षणिक चाल कहते हैं.
3) एकसमान चाल
जब कोई गतिशील वस्तु द्वारा समान समय अंतराल में समान दूरी तय करती है तो उसे एकसमान चाल कहते हैं.
जैसे :- यदि कोई गतिशील वस्तु 1 सेकेंड में 10 मीटर, 2 सेकेंड में 4 मीटर चलती है तो यह एकसमान चाल है .
4) असमान चाल
जब कोई गतिशील वस्तु द्वारा समान समय अंतराल में भिन्न- भिन्न दूरी तय करती है तो उसे असमान चाल कहते हैं.
जैसे :- यदि कोई गतिशील वस्तु 1 सेकेंड में 10 मीटर, 2 सेकेंड में 40 मीटर चलती है तो यह असमान चाल है.
वेग (velocity)
किसी वस्तु द्वारा एकांक समय में निश्चित दिशा में हुए विस्थापन को वेग कहते हैं.
वेग = विस्थापन/ समय
वेग के प्रकार-
1) औसत वेग
किसी गतिशील वस्तु का कुल विस्थापन एवं इसमें लगे कुल समय के अनुपात को औसत वेग कहते हैं.
औसत वेग = कुल विस्थापन/ कुल समय
2) तात्क्षणिक वेग
किसी क्षण पर गतिशील वस्तु के वेग को तात्क्षणिक वेग कहते हैं.
3) एकसमान वेग
जब कोई गतिशील वस्तु द्वारा समान समय अंतराल में समान विस्थापन हो तो उसे एकसमान वेग कहते हैं.
4) असमान वेग
जब कोई गतिशील वस्तु द्वारा समान समय अंतराल में विस्थापन भिन्न- भिन्न होता है तो उसे असमान वेग कहते हैं.
त्वरण (Acceleration)
किसी वस्तु के वेग म परिवर्तन की दर को त्वरण कहते हैं.
यदि किसी वस्तु का वेग बिना दिशा में बदलाव हुए बढ़ता है तो उसे धनात्मक त्वरण कहते हैं.
यदि किसी वस्तु का वेग बिना दिशा में बदलाव हुए घटता है तो उसे ॠणात्मक त्वरण कहते हैं.
Motion
समय के सापेक्ष जब किसी वस्तु की स्थिति में परिवर्तन होता है तो इसे गति/motion कहते हैं तथा ऐसी वस्तु को हम गतिशील वस्तु कहतें है।
गति के प्रकार/Types Of Motion
सरल रैखिक गति(linear Motion)
जब कोई वस्तु सीधी या वक्र रेखा पर चलती है तो वस्तु की यह गति रैखिक गति कहलाती है। जैसे – सड़क पर चलता हुआ आदमी, बन्दूक से छोड़ी गई गोली
यादृच्छिक गति(Random Motion)
गति की ऐसी अवस्था जिसमे गति किसी निश्चित पथ पर एवं निश्चित दिशा में नहीं हो। जैसे – मक्खी की गति, फुटबॉल के मैदान में खिलाड़ी की गति
वृताकार गति/वृत्तीय गति(Circular Motion)
वृत्ताकर पथ पर चलने की स्थिति वृत्तीय गति की अवस्था कहलाती है। जैसे – पृथ्वी द्वारा सूर्य का परिक्रमण
दोलनी गति(Oscillatory Motion)
जब कोई वस्तु एक निश्चित बिंदु के आगे -पीछे (या ऊपर-नीचे) चलती है तो इसे दोलनी गति कहा जाता है। जैसे – झूले की गति
आवर्त गति(Periodic Motion)
जब कोई वस्तु अपनी गति को समय के निश्चित अंतरालों पर दोहराती है, (उसी पथ पर) तो इसे Periodic Motion कहा जाता है। जैसे – सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की गति, घड़ी के सुईयों की गति।
सरल आवर्त गति(Simple Hormonic Motion)
यदि वस्तु किसी निश्चित माध्य अवस्था के इर्द-गिर्द ही अपनी गति को निश्चित समय के बाद दोहराये तो इसे सरल आवर्त गति (SHM) कहते हैं। जैसे – घड़ी के पेंडुलम की गति
गति के नियम/Laws Of Motion
आइजेक न्यूटन ने अपनी पुस्तक प्रिन्सिपिया में गति के तीनों नियमो के बारे में बताया।
न्यूटन का गति का पहला नियम
यदि कोई वस्तु विराम अवस्था में है तो वह विराम अवस्था में ही रहेगी या यदि वह एक समान चाल से सीधी रेखा में चल रही है, तो वैसे ही चलती रहेगी, जब तक उस पर कोई बाहरी बल लगाकर उसकी वर्तमान अवस्था में परिवर्तन न किया जाए।
प्रथम नियम को गैलिलियो का नियम या जडत्व का नियम भी कहते हैं।
जड़त्व : बाहरी बल के अभाव में किसी वस्तु की अपनी विरामावस्था या समान गति की अवस्था को बनाए रखने की प्रवृत्ति को जडत्व कहते हैं। जड़त्व के बारे में गेलिलियो ने सर्वप्रथम बताया।
जड़त्व के प्रकार –
1.अवस्था का जड़त्व : गतिशील वस्तु अपनी गति बनाये रखना चाहती है। Ex. चलती हुई मोटर या रेलगाड़ी के अचानक रुकने पर उसमें बैठे यात्री आगे की ओर झुक जाते हैं
2.विराम अवस्था का जड़त्व : स्थिर वस्तु अपनी स्थिर अवस्था को बनाये रखना चाहती है। Ex. (1)कंबल को हाथ से पकडकर डंडे से पीटने पर धूल के कण झडकर गिर पडते हैं।
(2) ठहरी हुई मोटर या रेलगाड़ी के अचानक चल पडने पर उसमें बैठे यात्री पीछे की ओर झुक जाते हैं
3.दिशा का जड़त्व : निश्चित दिशा में गतिशील कोई वस्तु उसी दिशा में गति की कोशिश करती है। Ex. तेज गति से चलती बस का अचानक मोड़ने पर उसमे बैठे व्यक्ति का मोड़ के विपरीत दिशा में झुक जाना ।
Note: गति के प्रथम नियम से बल की परिभाषा मिलती है।
बल – वह बाहरीय कारक जिससे वस्तु की प्रारंभिक अवस्था में बदलाव आता है.
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न्यूटन की गति का दूसरा नियम
किसी वस्तु के संवेग में परिवर्तन की दर उस वस्तु पर आरोपित बल के समानुपाती होती है.
f = m*a
संवेग
किसी वस्तु के द्रव्यमान तथा वेग के गुणनफल को उस वस्तु का संवेग कहते हैं.
संवेग = द्रव्यमान * वेग
SI मात्रक – किग्रा* मी / से.
Ex. क्रिकेट में फील्डर द्वारा कैच पकड़ते समय अपने हाथों को बॉल की गति की दिशा में पीछे ले जाना ।(क्योकि समय थोड़ा ज्यादा हो जाने के कारण Force कम लगता है जिससे हाथो में कम चोट लगती है।)
F= m.dv/dt
Note : गति से दूसरे नियम से बल के सूत्र की प्राप्ति होती है।
न्यूटन की गति का तीसरा नियम :-
प्रत्येक क्रिया के बराबर, परंतु विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है।
उदाहरण:-
1) बंदूक से गोली चलाने पर , चलाने वाले को पीछे की ओर धक्का लगना
2) नाव से किनारे पर कूदने पर पीछे की ओर हट जाना
गति के समीकरण
गति का प्रथम समीकरण-
v = u+ at
गति का द्वितीय समीकरण
s = ut+1/2 at2
गति का द्वितीय समीकरण-
v2 = u2+2as
नोट – तीनों समीकरणों में यदि गुरुत्वाकर्षण का मान लिया जाता है तो a के स्थान पर g के प्रयोग करते हैं.
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