Nutrition in Plants – जब जीव अपने शरीर की आवश्यकता के लिए आवश्यक पोषक तत्वों जैसे -: कार्बोहाइड्रेट , विटामिन्स, मिनरल्स, वसा को भोजन के रूप में ग्रहण करता है तो उसे पोषण/Nutrition कहते हैं।
यह पोषक तत्व सभी जीवों को जीवन जीने के लिए आवश्यक होते हैं।पौधे अपना भोजन खुद बना सकते हैं लेकिन जन्तु एवं मनुष्य अपना भोजन खुद नहीं बना सकते इसलिए वे प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से पौधों तथा दूसरे जंतुओं पर निर्भर रहते है।
Types Of Nutrition In Plants/पोषण के प्रकार
- स्वपोषी पोषण ( Autotrophic)
- विषमपोषी /परपोषी पोषण (Heterotrophic)
(1). स्वपोषी (Autotrophic Nutrition In Plants )
सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में पौधे जल तथा कार्बन डाई ऑक्साइड का उपयोग करके कार्बोहाइड्रेट एवं ऑक्सीजन का निर्माण करते है। इन्हें primary producer भी कहा जाता है।
पादप अपना भोजन बनाने के लिए light, water, CO2 आदि का उपयोग करते हैं।
– पादपों में स्वपोषी पोषण कैसे होता है?
● पौधे प्रकाश- संश्लेषण की प्रक्रिया द्वारा अपना भोजन खुद बनाते है।
● क्लोरोप्लास्ट के अंदर प्रकाश- संश्लेषण की क्रिया होती है।
● भोजन का निर्माण पत्ती के अंदर होता है , क्लोरोप्लास्ट (हरितलवक) पत्ती के अंदर पाया जाता है।
● क्लोरोफिल हरे रंग का वर्णक होता है जो पत्ती में पाया जाता है यह पत्तियों को सूर्य के प्रकाश से ऊर्जा ग्रहण करने में मदद करता है।
– प्रकाश -संश्लेषण के लिए पादप की आवश्कताएं –
● सूर्य की रोशनी
● कार्बन डाई ऑक्साइड
● जल
● क्लोरोफिल
(2). परपोषी पोषण (Heterotrophic Nutrition In Plants) –
कुछ पादप ऐसे होते हैं जिनमें क्लोरोफिल नहीं पाया जाता इस कारण वे दूसरे पादपों पर भोजन के लिए निर्भर रहते हैं , भोजन प्राप्त करने के इस प्रकार को परपोषी पोषण कहा जाता है
परपोषी पोषण के प्रकार –
● Parasitic (परजीवी)
● Insectivorous (कीटभक्षी)
● Saprophytic (मृत जीवी)
● Symbiotic (सहजीवी)
(1). parasitic nutrition -: कुछ परपोषी पादप दूसरे पादपों व जंतुओं पर भोजन के लिए निर्भर रहते है , ऐसे पादपों को परजीवी पादप कहा जाता है। मग़र इस पोषण में host को लाभ नहीं पहुँचता । EX. – कस्कूटा/अमरबेल (Dodder) , cassytha (love- vine),
(2).Insectivorous nutrition -: कुछ पादपों में कुछ विशेष संरचनाएं पायी जाती है , जिसके माध्यम से वे कीटों को फंसा लेते हैं और अपना भोजन प्राप्त करते है
ये पादप कुछ पाचक रसों का स्राव करते हैं तथा इन कीटों का पाचन कर लेते हैं एवं इनसे अपना पोषण प्राप्त करते हैं
ऐसे पादप जिस मिट्टी में खनिजो की कमी होती है वहां उगते है।
Ex. CARNIVOROUS Plant – Pitcher plant, Venus flytrap. Drosera (sundew)
(3). saprophytic nutrition -: इस प्रकार के पोषण में पादप मृत व सड़े- गले पादप व जंतुओं से अपना भोजन प्राप्त करते हैं
ये पादप पाचक रसों का स्राव करके इन मृत व सड़े- गले पादप व जंतुओं को विघटित कर देते हैं और अपना भोजन प्राप्त करते हैं।
Ex. Mushroom(कवक) , Molds(कवक)
(4). symbiotic nutrition-: जब दो अलग -अलग categorie के अलग-अलग पादप आपस मे एक निकट सम्बन्ध प्रदर्शित करते है तो इन पादपों को symbiotic plant कहा जाता है । इस प्रकार के पोषण में दोनों पादपों को लाभ होता है।
Ex. -: The association Of Fungi and Tree
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