संगम काल | Sangam Age

Sangam Age is the period from the 3rd century BC to the 3rd century AD in south India. There were 3 Sangams conducted in ancient South India.

During the Sangam Age, was ruled by three dynasties-the Cheras, Cholas and Pandyas.

According to the Tamil legends, there were three Sangams (Academy of Tamil poets) held in the ancient South India popularly called Muchchangam.

Sangam Age

संगम काल | Sangam Age

  • 100 – 250 AD
  • पाण्ड्य राजाओं के संरक्षण में
  • तमिल साहित्य – संगम साहित्य
  • तमिल साहित्य का जनक : अगस्त्य ऋषि
  • तीनो सम्मेलन : तमिलनाडु
प्रथम संगम  दक्षिण मदुरै
अध्यक्षता : अगस्त्य ऋषि
89 राजाओं ने भाग
इस साहित्य की कोई जानकारी नहीं
द्वितीय संगमकपाटपुरम (अलैव)
प्रारंभ में अध्यक्षता : अगस्त्य ऋषि | बाद में : तोलकापिय्यर
तोलकापिय्यर द्वारा तोलकापिय्यम साहित्य की रचना
59 राजाओं ने भाग  
तीसरा संगममदुरै अध्यक्षता : नक्कियर
49 राजाओं ने भाग
कोई साक्ष्य नहीं
  

संगम काल के राज्य

संगम काल के राज्य : कृष्णा नदी के दक्षिण में

  • चेर
  • पाण्ड्य
  • चोल

चेर वंश | Cheras

  • अर्थ : पर्वतीय क्षेत्र
  • सबसे प्राचीन वंश
  • एतरैय ब्राह्मण ग्रन्थ : चेरापद
  • द्वितीय शिलालेख(अशोक) : केरलपुत्र
  • क्षेत्र : मालाबार
  • राजधानी : बंजी/करुर/कराल
  • राज्य चिन्ह : धनुष
  • प्रमुख बंदरगाह : मुजरिस | roman व्यापार केंद्र
  • वंश समाप्त : दूसरी सदी के अंत तक
  • शासक :
  • उदयिनजरेल
  • शेनगुट्टवन
  • आदिगमान
  • कुडक्केइल
उदयिनजरेल  प्रथम शासक
महाभारत युद्ध में सैनिको को भोजन  
शेनगुट्टवन  लाल चेर
कणगी पूजा (पत्नी पूजा)  
उनकी सैन्य उपलब्धियों को महाकाव्य Silapathikaram में वर्णित किया गया है|
आदिगमान  गन्ने की खेती  
कुडक्केइल  हाथी की आँख वाला शासक  

पाण्ड्य वंश | Pandyas

  • अर्थ : प्राचीन देश  
  • मातसत्तात्मक
  • जानकारी : इंडिका से (मेगास्थनीज़) | अशोक का शिलालेख | महाभारत तथा रामायण से
  • राजभाषा  : तमिल
  • क्षेत्र : तमिलनाडु का दक्षिणी भाग
  • राजधानी : मदुरै
  • राज्य चिन्ह : मछली(कार्प)
  • तीनो संगम का आयोजन करवाया
  • प्रसिद्ध : मोतियों के लिए
  • प्रमुख बंदरगाह : शालीयूर, कोरकाय  
  • रोम के राजा से अच्छा सम्बन्ध
  • दूत को रोम के राजा आगस्टसा के दरबार में भेजा
  • वंश समाप्त : पांचवी सदी आते आते  
  • शासक :
  • नोड़ियोन
  • नेडूजेलियन
  • नल्लीवकोडन
नोड़ियोन  प्रथम शासक
समुद्र पूजा  
नेडूजेलियन  सबसे प्रतापी
तैलिया लंगानम का युद्ध :
चेर , चोल व अन्य 5 राज्यों को हराया
नल्लीवकोडन  अन्य नाम : मरा वर्मन राजसिम्हा 3
कुदम्बलूर में तंजावुर के चोल राजा का विरोध    
  
  • मदुरै : त्योहारों का शहर | मीनाक्षी मन्दिर प्रसिद्ध
  • मेगास्थनीज़ ने इस वंश को माबर नाम दिया
  • शिल्पदिकारम पुस्तक : नेडूजेलियन प्रथम का वर्णन
  • शिल्पदिकारम पुस्तक : तमिल साहित्य का महाकाव्य

चोल वंश | Cholas

  • अर्थ : नया देश
  • जानकारी : अस्टाधायी से
  • क्षेत्र : तमिलनाडू का पूर्वी भाग | कावेरी नदी के उपजाऊ भाग में
  • प्रथम राजधानी : उरई-उर | मुख्य राजधानी : तंजावुर
  • दूसरी राजधानी : कांचीपुरम (तमिलनाडू)
  • राज्य चिन्ह : बाघ
  • प्रसिद्ध : सूती वस्त्र के लिए | धान तथा कपास के लिए
  • प्रमुख बंदरगाह : पुहार , उरई
  • चोलों ने एक कुशल नौसेना भी बनाए रखी।
  • राजा करिकाल संगम चोलों के एक प्रसिद्ध राजा थे।
  • वंश समाप्त : 5 वी सदी आते आते कमजोर | 8 वी सदी में वापस उदय
  • शासक :
  • उरवहप्पहरे
  • करिकाल
  • एलोरा
  • पेरूनकिल्ली
उरवहप्पहरे  प्रथम शासक  
करिकाल  सबसे प्रतापी
श्री लंका जीत लिया
वहाँ से 12000 द्वार लाया
कावेरी नदी पर बांध बनवाया | 160 मीटर लम्बा
भारत पहला बांध | Grand बांध
पुहार नामक बन्दरगाह बनवाया और कावेरीपट्टनम नाम रखा  

संगम कालीन बन्दरगाह | Port Of Sangam Age

  • चेर : मुजरिस | बन्दर चेर
  • पाण्ड्य : शालीयूर, कोरकाय
  • चोल : पुहार , उरई

संगम कालीन राज चिन्ह | royal emblem Of Sangam Age dynasties

  • Cholas – Tiger
  • Pandyas – carp/Fish
  • Cheras – bow

संगम कालीन साहित्य | Sangam Age Literature

  • संगम साहित्य : तमिल भाषा
  • अन्य नाम : द्रविड़ साहित्य , तमिलकम
  
तोलकापिय्यम  रचनाकार : तोलकापिय्यर /Tolkappiyar
तमिल व्याकरण से सम्बन्ध | यह उस समय की political and socio-economic conditions पर भी अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।
तिरुकुराल / कुरालरचनाकार : तिरुवल्लुवर/Thiruvalluvar
तमिल साहित्य का बाइबिल (एंजिल)  
शिल्पदिकारमरचनाकार : इलिंगो आदिगल /Elango Adigal
जैन धर्म से सम्बन्ध
नुपुर(पायल) की कहानी
तमिल काव्य का इलियट
मणिमेखलेरचनाकार : शीतलैश सतनार /Sittalai Sattanar
बौद्ध धर्म से सम्बन्ध
कोवलन तथा माध्वी से उत्पन्न सन्तान मणिमेखलम की चर्चा
तमिल काव्य का ओडिशी
जीवक चिंतामणिरचनाकार : तिरुतक्क देवर
जैन धर्म से सम्बन्ध

संगम कालीन व्यवस्था | Sangam Age

आर्थिक जीवनसूती वस्त्र , मसाला , मोती , कृषि तथा पशुपालन
कृषि मुख्य व्यवसाय था जहाँ चावल सबसे आम फसल थी।
सूती वस्त्र : विश्व प्रसिद्ध
व्यापररोम से अरिकामेडू (पांडिचेरी-TN) से रोम का सर्वाधिक व्यापार
जाति व्यवस्थासामंत तथा दास में समाज बंटा हुआ था
वर्ण व्यवस्था तथा ऊँच – नीच की जाति व्यवस्था नहीं थी
धार्मिक जीवनसबसे प्रमुख देवता : मुरुगन (सुब्रमनयम)
कार्तिके भगवान

तोलकाप्पियम/Tolkappiyam भूमि के पाँच-स्तरीय विभाजन को संदर्भित करता है

  1. कुरिंजी (पहाड़ी मार्ग)
  2. मुल्लाई (देहाती)
  3. मरुदम (कृषि)
  4. नेदाल (तटीय)
  5. पलाई (रेगिस्तान)

तोलकाप्पियम/Tolkappiyam में चार जातियों का भी उल्लेख है,

  • अरासर (शासक वर्ग)
  • अंतनार, वेनिगर (व्यापार और वाणिज्य करने वाले)
  •  वेल्लालर (कृषक)

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