Vaccine को एक जैविक तैयारी (Biological preparation) के रूप में परिभाषित किया गया है जो किसी विशेष बीमारी के लिए अर्जित प्रतिरक्षा प्रदान करता है।
टीकों में रोग पैदा करने वाले एजेंट, इसकी सतह के प्रोटीन या इसके विषाक्त(Toxin) पदार्थों का एक कमजोर या मरा हुआ रूप होता है। जब यह टीका मानव शरीर में प्रवेशित किया जाता है, तो प्रतिरक्षा प्रणाली खतरे यानि रोग को पहचानने और इसे नष्ट करने में सक्षम होती है।
इसके अलावा, Body खतरे/बीमारी /रोग को “याद रखेगा” और भविष्य में सामना होने पर एक उचित प्रतिक्रिया शुरू कर देगा ।
टीका लगाने की प्रक्रिया को टीकाकरण कहा जाता है।
एडवर्ड जेनर ने पहला टीका विकसित किया था ।
The term “vaccine” is derived from थे Latin word “vaccinus”, from vacca which means from cows.
Difinition of Vaccine :
किसी बीमारी के विरुद्ध immunity विकसित करने के लिये जो दवा दी जाती है उसे टीका (vaccine) कहते हैं तथा यह क्रिया टीकाकरण (Vaccination) कहलाती है। संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिये टीकाकरण सबसे अधिक प्रभावी है।
Types Of Vaccine
(1) D.P.T. का टीका– (डिफ्थीरिया , पर्टुसिस , टिटनेस)
बचाव – डिफ्थीरिया, काली/कूकर खाँसी, टिटनेस से
टीकाकरण का समय– शिशु के जन्म के 3 , 4 व 5 वे माह में
(2) O.V.P. का टीका –(Oral polio Vaccine)
बचाव – पोलियो से
टीकाकरण का समय– शिशु के जन्म के 3 , 4 व 5 वे माह में
(3) B.C.G. का टीका –(बैसीलस केलेमेटी गुरिन)
बचाव – क्षय/ T.B रोग से
टीकाकरण का समय – शिशु के जन्म के कुछ घण्टों भीतर
(4) T.A.B. का टीका -: (टाइफाइड , पेराटाइफाइड A. & B)
बचाव – टाइफाइड (मोतीझरा / Enteric fever) से
टीकाकरण का समय – जन्म के 2 साल बाद
(5). M.M.R. का टीका –(Measles , Mumps , रूबेला)
बचाव – खसरा , गलसुआ , खाँसी , बुख़ार से
टीकाकरण का समय – जन्म के 15 या 18 माह बाद
(6). हैजा का टीका –
बचाव – हैजा रोग से
टीकाकरण का समय – जन्म के 1 वर्ष बाद
(7).हिपेटाइटिस -B का टीका –
बचाव – पीलिया , हिपेटाइटिस से
टीकाकरण का समय – कभी भी
(8). चेचक का टीका –
बचाव – चेचक रोग से
टीकाकरण का समय – शिशु के जन्म के कुछ दिनों के भीतर
Importance Of Vaccine
(1) Vaccine आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर शरीर में उत्पन्न होने वाले सूक्ष्मजीवों को नष्ट करने का काम करता है।
(2) Vaccine रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है।
(3). रोग को रोकने का यह एक प्रभावी माध्यम है।
चेचक (smallpox) का Virus = वैरियोला (Variola) Virus
Vaccine के लिए इस Virus का उपयोग प्राचीन काल से होता आया है।
यह Virus चेचक रोग उत्पन्न कर सकता है।
अत: लगभग 150 वर्षों से वैरियोला के स्थान पर गोमसूरी यानि cowpox के वैक्सीनिया (Vaccnia) Virus का
उपयोग किया जा रहा है।
Cowpox का वैक्सीनिया नामक virus मानव में चेचक रोग उत्पन्न नहीं कर पाता ।
Enteric fever = आंतों का बुखार
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